वकीलों की हड़ताल के चलते फिर टली नरेश मीणा की जमानत पर सुनवाई अब 23 अप्रैल को होगी सुनवाई

 वकीलों की हड़ताल के चलते फिर टली नरेश मीणा की जमानत पर सुनवाई

अब 23 अप्रैल को होगी सुनवाई


टोंक। विधानसभा उप चुनावों के मतदान दौरान देवली-उनियारा विधानसभा क्षैत्र के समरावता गांव में हुए घटनाक्रम की राष्ट्रीय स्तर तक चर्चित प्रकरण को लेकर चर्चा में रहा, जिसकों लेकर शनिवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल होने से सुनवाई नहीं हुई है और इस केस में जमानत पर सुनवाई के लिए 23 अप्रैल निर्धारित की गई है। गत साल देवली-उनियारा विधानसभा उप चुनाव के मतदान के दिन हुए उपद्रव, आगजनी के मामले में आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की जमानत याचिका शनिवार को फिर टल गई है। उल्लेखनीय होगा कि नगरफोर्ट थाने में दर्ज 167/24 केस के मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई 23 अप्रेल को होगी। शनिवार को एससी-एसटी कोर्ट में होने वाली जमानत याचिका पर सुनवाई वकीलों की हड़ताल के चलते टली है। ऐसे में कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि दी है। गौरतलब होगा कि 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा के उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था। इसमें समरावता गांव के लोगों ने उनके गांव को उनियारा उपखंड कार्यालय में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार कर रखा था। उस समय निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा भी ग्रामीणों की मांग वाजिब बताते हुए ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गया था। मतदान बहिष्कार के बावजूद तीन लोगों के जबरन वोट दिलाने का आरोप लगाते हुए नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी के थप्पड़ मार दिया था। दूसरे दिन 14 नवंबर को पुलिस ने नरेश मीणा को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था। फिर कोर्ट के आदेश पर 15 नवंबर को जेल भेज दिया था। इस मामले में पहले उनियारा और टोंक डीजे कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जहां से जमानत ख़ारिज हो चुकी है। गत दिनों इस केस को नरेश मीणा के वकील ने प्रार्थना पत्र लगाकर इस केस को एससी-एसटी कोर्ट में ट्रांसफर करवा लिया था। जहां शनिवार को नरेश मीणा की जमानत पर सुनवाई होनी थी, लेकिन शनिवार को वकीलों की हड़ताल होने से सुनवाई नहीं हुई है और इस केस में जमानत पर सुनवाई के लिए 23 अप्रैल निर्धारित की गई है।

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