अब राजस्थान सरकार 6 बीघा नही मात्र 2 बिघा प्ततारबन्दी पर भी देगी अनुदान
खुशहाल राजस्थान की पहचान सुखी एवं समृद्ध किसान
राज्य सरकार कांटेदार, चैनलिंक तारबंदी, वर्गाकार नोड फेंसिंग करवाने पर दे रही अनुदान
टोंक। राजस्थान सरकार कृषि उत्पादन को बढ़ाने सीमांत एवं लघु स्तर के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से तारबंदी योजना पर अनुदान दे कर किसानों को राहत प्रदान कर रही हैं। सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों की फसलों को आवारा पशुओं के नुकसान से बचाने के लिए ये जन कल्याणकारी योजना चलाई जा रही है। किसान कड़ी मेहनत व लागत लगाकर फसल और सब्जियां पैदा करते हैं परंतु नील गाय व बेसहारा पशुओं द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया जाता है। फसलों की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए राजस्थान सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से खेतों की कांटेदार/ चैनलिंक तारबंदी करवाने पर अनुदान दिया जा रहा है।
*भौतिक लक्ष्य*
राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष प्रत्येक जिले में कांटेदार/ चैनलिंक तारबंदी/ वर्गाकार नोड फेंसिंग योजना के लिए अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए जाते है।
*योजना के लिए पात्रता व दिए जाने वाला अनुदान*
कांटेदार/ चैनलिंक तारबंदी/ वर्गाकार नोडफेंसिंग योजना के लिए आवेदन कर्ता राजस्थान के मूल का किसान हो उसके पास 0.5 हेक्टेयर यदि एक किसान के पास 0.5 हैक्टेयर भूमि नही है तो वो अपने पड़ोसी के साथ मिलकर समूह में भी फाइल लगा सकता है समूह में 2 या 2 से अधिक किसान मिलकर भी यदि 0.5 हैक्टेयर भूमि एक जगह पर रखते है तो उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। वहीं सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने हेतु समुदायिक रूप से न्यूनतम 10 या अधिक किसान मिलकर 5 हेक्टेयर भूमि में तारबंदी करवाते हैं तो प्रति किसान अधिकतम 400 मीटर लंबाई पर 50 प्रतिशत या 100 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से अधिकतम 40 हजार रुपये तकनकी अनुदान राशि मिलेगी। लघु एवं सीमांत किसानों को 400 मीटर लंबाई पर ईकाई लागत का 60 प्रतिशत या 120 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से 400 मीटर पर 48 हजार रुपये तक प्रति कृषक देय होगा। वहीं सामूहिक रूप से 10 किसान मिलकर यदि 5 हैक्टेयर क्षेत्र में यदि तारबन्दी करते है तो उन्हें इकाई लागत का 70 प्रतिशत अनुदान अर्थात 140 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से 400 मीटर पर 56000 रुपये प्रति किसान तक अनुदान देय है
*आवश्यक दस्तावेज*
खेतों की तारबंदी पर अनुदान के लिए इच्छुक एवं पात्र किसान तारबंदी के लिए प्रस्तावित भूमि की पेरीफेरी का नवीनतम प्रमाणित संयुक्त नक्शा ट्रेस व जमाबंदी एवं जनाआधार कार्ड, आधार कार्ड लघु एवं सीमान्त प्रमाण पत्र। इन सभी दस्तावेजों के साथ ई मित्र केंद्र या स्वयं के द्वारा राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने के पश्चात ही विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाती है।
*अनुदान की प्रक्रिया*
किसान द्वारा कांटेदार चैनलिंक तारबंदी योजना के लिए किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन करने के पश्चात विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति निकाली जाती है एवं विभाग द्वारा आवेदन कर्ता किसान को तारबंदी करने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी जाती है। तत्पश्चात किसान या समूह द्वारा खेत में तारबंदी करने का कार्य किया जाता है। कार्य पूर्ण होने पर व्यय राशि के समस्त बिल किसान या समूह द्वारा संबंधित कृषि अधिकारी को उपलब्ध करवाने होते है। मौके पर जाकर संबंधित कृषि अधिकारी द्वारा कार्य पूर्ण होने का भौतिक सत्यापन राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाता है। इसके पश्चात अनुदान राशि का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। राज्य सरकार की इस जन कल्याणकारी योजना में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर कृषि विभाग द्वारा आवेदन पत्रों का निस्तारण किया जाता है।
*किसानों को अब 1.5 नही मात्र 0.5 हैक्टेयर भूमि होने पर भी मिलेगा अनुदान का लाभ*
वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक प्रधान गुर्जर ने बताया की वर्ष 2025-26 में छोटे कृषकों की मांग को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने विभागीय दिशा निर्देशों में परिवर्तन कर तारबन्दी में 1.5 हैक्टेयर भूमि की बाध्यता को दूर करते हुए इसे 0.5 हैक्टेयर किया है ऐसा करने से गरीब एवं छोटी जोत वाले किसानों को भी लाभ मिलेगा।